FAQ DMIT
Frequently Asked Questions (FAQ)
DMIT -प्रश्न आप के, उत्तर हमारे.
New Update 24-01-2021
हम जिस क्षेत्र में काम करते है उस क्षेत्र में ‘हमारे जैसी 100% आत्मनिर्भर भारत -स्वदेशी’ कम्पनियां बहुत कम मात्रा में काम कर रही है लेकिन ज्यादातर /अनेक ‘विदेशी कम्पनियां’ काम कर रहीं है.
हम जिस प्रकार का रिपोर्ट निकालते है. उस प्रकार का रिपोर्ट फिंगरप्रिंट के आधार पर निकाला जाता है. फिंगरप्रिंट के कई हिस्से यह व्यक्तिगत गोपनीयता कानून के अंदर आते है. उन का उपयोग आधारकार्ड, पैन कार्ड, बैंक आदि सभी संवेदनशील जगह पर होता है.
इस लिए हमने 100% स्वदेशी कम्पनी होने के नाते, देश और नागरिकों का हितों का ध्यान रखते हुए, हमारी कम्पनी ने यह निर्णय लिया है की कम्पनी अथवा हम से जुड़े किसी भी आदमी द्वारा, किसी भी कस्टमर के फिंगरप्रिंट नही लिए जायेंगे अथवा नहीं मंगवाए जाएँगे. हमारे फ्रैंचाइसी होल्डर ‘व्यक्तिगत रूप से’ मार्केटिग + ट्रेनिंग और ‘हमारे (कम्पनी ) साथ’ सिर्फ काउंसिलिग + प्रिंटिग का काम कर सकेंगे.
SBIDtest रिपोर्ट रु 2500 के हेतु, हम ग्राहक को online प्रशिक्षण देंगे, ताकि वह घर से या अपने स्वयं के स्थान से स्वयं अपनी उंगलियों के निशान का परीक्षण करेगा, डाटा/रिजर्ट भेजेगा. इस काम के पुरस्कार के रूप में, हम फ्री कलर्ड प्रिंटेड रिपोर्ट वह भी फ्री कुरियर के साथ दे देंगे (जिसकी लागत लगभग रु 800* होगी ).. *प्रोडक्ट प्रमोशन पुरस्कार की यह स्कीम अगली सूचना तक सिर्फ कुछ दिनों के लिए उपलब्ध है. जल्दी फायदा उठाए. सूचना- पीडीएफ रिपोर्ट और 60 मिनट का व्यक्तिगत काउन्सलिंग यह मुख्य प्रोडक्ट है
कस्टमर हमें टेस्ट रिपोर्ट के लिए आवश्यक जानकारी रिजेस काउंटिंग नंबर अथवा ‘फिंगरप्रिंटपेटर्न का नाम’ के स्वरूप में भेजेंगे, वह जानकारी दुनियां में किसी भी क्षेत्र में (उदाहरण-आधारकार्ड, पैन कार्ड, बैंक जैसे फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन) आदि में, कभी भी उपयोग में नही लायी जाती है, और आप की सुरक्षा को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुचा सकती. अथवा दुनियां का कोई भी आदमी भविष्य में उस का गलत फायदा उठा नहीं पाएगा. हम कस्टमर के हित का सोचते है अपने प्रॉफिट का नहीं. ऐसा करनेवाली यह भारत की पहली और अकेली कंपनी है.
और DMIT रिपोर्ट रु.999 हेतु, हम ग्राहक को प्रशिक्षण देंगे ताकि वह घर से या अपने स्वयं के स्थान से स्वयं / अपनी उंगलियों के निशान का परीक्षण करेगा। इस काम के पुरस्कार के रूप में, आप के रिपोर्ट पर 30 मिनट का फ्री व्यक्तिगत काउन्सलिंग विडियो दिया जाएगा (जिसकी लागत लगभग रु 500 होगी ). प्रोडक्ट प्रमोशन की यह स्कीम, अगली सूचना तक, सिर्फ कुछ दिनों के लिए उपलब्ध है. जल्दी फायदा उठाए.
Note -Update 24-01-2021 में बताई गई जानकारी यही मुख्य तथा वर्तमानकालीन मानी जाएं और निम्नलिखित Update Date 06-09-2021 की जानकारी पुरानी हो जाने के कारण उसे Update date 24-01-2021के सन्दर्भ में पढ़ा जाए.
Old Updates....
Super Brain International
Update Date 06-09-2019
Que 1) आप का रिपोर्ट फिंगरप्रिंट और पेमेंट देने के बाद, कितने समय में मिलता है ? सॉफ्टवेयर की मदद से एक मिनट में रिपोर्ट मिलना चाहिए...Que 2) हमारे शहर में आप का सेंटर नहीं है , हम कैसे फिंगरप्रिंट भेजें ?
Que 3) मुझे फ्रंचेयसी लेना है ऐसा बोलकर 2500 वाला रिपोर्ट लेना चाहूँगा, तो मुझे कितना कम में मिलेगा ?
Que 4)
A)आप का रिपोर्ट अपने देश में जनरेट होता है कि विदेशों में ? आप की टेक्नोलोजी देशी है विदेशी ?
B)आप अपने रिपोर्ट में प्रभावित करने के लिए विदेशों के नाम (अमेरिका , जापान, .....) क्यों नहीं लिखते ?
Que 5)
A)आप को इतना सस्ते में ( 75 % ऑफ ) में रिपोर्ट बेचना कैसे संभव होता है ? आप के कोई आकर्षक, महंगे, बड़े बड़े सेंटर क्यों नहीं है ?
B)आप ऑनलाइन बिजनेस क्यों करते हो ? आप बड़े बड़े महंगे मार्केटिग इवेंट में क्यों नहीं हिस्सा लेते हो ?
Que 6) फिंगरप्रिंट लेने का तरीका एक ही है, तो उस से जनरेट होनेवाला र्रिपोर्ट के पैकेज दो क्यों है ? उस में ऑनलाइन में 999 & 2500 और सेण्टर में 1500 & 3500 रेट लिखा है, दो पैकेज में 500 से 2000 रूपये का फर्क क्यों है ?
Que 7)आप के दो रिपोर्ट के पेज संख्या में (43 & 53 ) सिर्फ 10 पेजेस का फर्क है, लेकिन रेट में दुगुना से ज्यादा फर्क कैसे ?आप का रिपोर्ट कितने पेज का है ? 15….30………45…….55…….75…….90…
Que 8) आप होम सर्विस देते हो, उस के लिए हमें कितना ज्यादा चार्ज देना पड़ता है ?
Que 9) youtube चेनल पर आप लोगों के फीडबैक वाले विडियो क्यों अपलोड नहीं करते ? जिन्होंने आप का रिपोर्ट मेरे शहर में खरीदा है, उन का फोन नंबर पूछताछ करने हेतु आप मुझे दे सकते है क्या?
Que 10)आप का रिपोर्ट कैसे बनती है यह बताइए ? उसकी रिसर्च लैब कहाँ है ? आप का संशोधन का ( रिसर्च का प्रूफ बताइए ?
Que 11) फ्रंचेयसी होल्डर के नाम पर आप हमें सिर्फ कमिशन एजंट बनाते है ? हमें सॉफ्टवेअर बेचकर मालिक क्यों नहीं बनाते ?
Que 12)आप मुझे रिपोर्ट जनरेट करने देंगे, मैं 5-10 लाख रूपये तक खर्चा कर सकता हूँ .उस में आप का नाम नहीं होना चाहिए . मेरे नाम( ब्रांड नेम ) से बेचूंगा ? मेरे मन के मर्जी से मै ज्यादा रेट लगाकर ( हो सकता है दुगुना ) कमा सकता हूँ ?
Que 13)
A)फ्रैंचाइसी प्रश्न :-पूरा 100% प्रॉफिट सिर्फ मुझे ही चाहिए , आप को एक रुपया सर्विस चार्ज नहीं दूंगा .मै लाखो रूपये खर्चा करूंगा ,स्पीड से मेरे पैसे डबल होने चाहिए, लेकिन बताइए में क्या करूं ?
B ) मै आप का प्रोडक्ट बेचूं , मार्केटिंग करूं और आप को इतने पैसे क्यों दूँ ?
Que.14) सभी DMIT कंपनियों पर स्कूलों को कमिशन देने के और प्रॉफिट कमाने के आरोप लगाये जा रहें है ?
Que.15)
कई लोगों का आरोप होता है, कि DMIT टेस्ट कराने वालों को मनोवैज्ञानिक काउन्सलिंग का अधिकार नहीं है ?
Que.16)
कई लोग DMIT टेस्ट पर यह आरोप लगाते है कि यह अनसाइटीफिक टेस्ट है?
Que. 17)
DMIT क्षेत्र में काम करनेवाली कई कम्पनियां कहती है की हमारे पास .....देश का पेटंट है अथवा इस कम्पनी को भारत सरकार के इस डिपार्टमेंट का सर्टिफिकेट है ,आप इन दोनों में से कौनसा सर्टिफिकेशन है ?
Que.18)
हमें सभी DMIT कंपनी हमें एक जैसी लगती है, हम कैसे समझे आप क्वालिटी रिपोर्ट देते है ?
प्रश्न आप के उत्तर हमारे !
Que 1) आप का DMIT रिपोर्ट कितने समय में मिलता है ? सॉफ्टवेयर की मदद से एक मिनट में रिपोर्ट मिलना चाहिए...
Ans.:- हमारा रिपोर्ट 12 घण्टे के अंदर मिल सकता है, लेकिन कौन्सिलिंग ऑडियो रिकॉर्डिंग के लिए वेटिंग रहता है, फिर भी लगभग 24 घंटे के अंदर हम रिपोर्ट देते है *.(*:- कभी-कभी /अपवाद में ही देरी होती है .)यह रिपोर्ट सिर्फ कोई अकेला सॉफ्टवेयर नहीं बनाता ,उसका काम डेटा के आधारपर रिपोर्ट जनरेट करना है, सॉफ्टवेयर के उस काम की... हमारे सोच से वेल्यू है - सिर्फ 15 % ,लेकिन बाकी का 85 % काम अलग अलग क्षेत्र के 4 से 5 प्रशिक्षित एक्सपर्ट करते है, ..... 'एक घंटे का सायकोलॉजिक कॉउन्सिलिंग' .. आदि....इसी प्रकार रिपोर्ट बनता है.
.... -जैसे की स्कूल में सब काम मेहनत 1 साल की जाती है , अध्यापन +परीक्षा + पेपर चेकिंग ...... लेकिन सब डेटा मिलने के बाद कम्प्यूटर में फीड करने तक सब काम इंसान करते है ,बाद में तुरंत एक मिनट में रिपोर्ट कार्ड बन सकता है,उसी प्रकार यहां समय लेनेवाला यह काम इंसानी मेहनत की मदद से होता है. पुरे विश्व में इसी प्रकार रिपोर्ट बनता है. कोई किसी के झांसे में न आए ,गलतफहमी में न रहे, यह निवेदन है. (विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )
C)कोई फंसा न पाए , इसी लिए फ्रंचेयसी होल्डर का मार्केटिंग चार्जेस, हम पहले 5 रिपोर्ट के वक्त हम डिपोजिट के तौर पर रखते है और पांच रिपोर्ट के बाद एकसाथ वापस देते है . तो आप किसी भी हालत में पाच रिपोर्ट खरीदने तक 2500 रूपये में एक रुपया भी कम नहीं हो सकता .
इसी लिए कोई कस्टमर कितने भी ज्ञानी हो आप को एक रुपया भी कम नहीं होगा .(विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )
Que 2) हमारे शहर में आप का DMIT सेंटर नहीं है , हम कैसे फिंगरप्रिंट भेजें ?
Ans.:- हमारे वेबसाइट पर पूरी जानकारी दी हुई है ,Que 3) मुझे DMIT फ्रंचेयसी लेना है ऐसा बोलकर 2500 वाला रिपोर्ट लेना चाहूँगा, तो मुझे कितना कम में मिलेगा ?
Ans.:- A)भारत की हमारी अकेली कम्पनी है, जिस में कस्टमर और फ्रंचेयसी होल्डर इस में कोई फर्क नहीं है , फ्रंचेयसी होल्डर जो काम करता है, वह कस्टमर करता है, तो उसे वही बेनिफिट मिलता है .ऑनलाइन में Rs.2500 में जो रिपोर्ट मिलता है ,C)कोई फंसा न पाए , इसी लिए फ्रंचेयसी होल्डर का मार्केटिंग चार्जेस, हम पहले 5 रिपोर्ट के वक्त हम डिपोजिट के तौर पर रखते है और पांच रिपोर्ट के बाद एकसाथ वापस देते है . तो आप किसी भी हालत में पाच रिपोर्ट खरीदने तक 2500 रूपये में एक रुपया भी कम नहीं हो सकता .
इसी लिए कोई कस्टमर कितने भी ज्ञानी हो आप को एक रुपया भी कम नहीं होगा .(विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )
Que 4)A)आप का DMIT रिपोर्ट अपने देश में जनरेट होता है कि विदेशों में ?B)आप की टेक्नोलोजी देशी है विदेशी ?C)आप अपने रिपोर्ट में प्रभावित करने के लिए विदेशों के नाम (अमेरिका , जापान, .....) क्यों नहीं लिखते ?
Ans- (विशेष जानकारी Note -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं.)A)जिस प्रकार टेक्नोलोजी कितनी भी बढिया हो, अस्पताल में डॉक्टर, और स्कूल में टीचर के बिना कुछ नहीं हो सकता. उसी प्रकार का सर्विस बिजनेस DMIT का है .रिपोर्ट करेक्ट निकलने के लिए होने वाला 80 % कार्य एक्सपर्ट ( इंसान ) करता है. 20 % कार्य सॉफ्टवेयरों का होता है.
B ) समझ जाओ , यदि आप का कोई फिंगरप्रिंट लेनेवाला यदि एक गलती करता है,- गलत फिंगरप्रिंट लेता है, / गलत ढंग से फिंगरप्रिंट लेता है, / लेफ्ट हैण्ड की जगह राईट हैण्ड की फिंगरप्रिंट लेता है, इन में से किसी भी गलती में रिपोर्ट विदेश में बना तो भी 100 % गलत बनेगा.
C ) आप को मालुम नही तो बता देता हूँ, किसी ने फिंगरप्रिंट इधर से डाला और dmit रिपोर्ट उधर से बाहर आया ऐसा कभी होता नहीं. उस के अंदर के पैटर्न पहचानने पड़ते है, रिजेस काउंटिंग करनी पडती है, वह सारा डाटा सॉफ्टवेयरों में डालना पड़ता है, इस सभी कार्य में किसी से भी , छोटी सी भी गलती हुई, तो आप का रिपोर्ट विदेश में बनानेवाला रिपोर्ट भी 100 % गलत बनेगा. तो विदेशी रिपोर्ट का क्या फायदा.
D )रिपोर्ट का आधा हिस्सा कौन्सिलिग का होता है ,वह भी आप के देश का एक इंसान करता है .
E )यदि विदेशी टेक्नोलोजी के रिपोर्ट में जो चार्ट दिखाते (चार्ट में x और Y वैल्यू नही देते ) तो वह क्या साइंटिफ है ?
F )यदि विदेशी टेक्नोलोजी के रिपोर्ट में मार्क्स स्टार पैटर्न में बताते है one(*)Star to five Star (*****)में बताते है और हमारे जैसी स्वदेशी कम्पनी १ to 100 मार्क्स में कैलकुलेशन्स बताते है. तो समझो अत्याधुनिक टेक्नोलोजी हमारे पास है . उत्तर यह है कि हमारा रिपोर्ट पूर्णता स्वदेशी है .धन्यवाद .
G) कई सेण्टर वाले कहते है की हमारा रिपोर्ट विदेश में बनकर वापस इडिया में आता है लेकिन उन्होंने जिन देशी /विदेशी कम्पनियों से सॉफ्टवेयरों को खरीदा है ,वह कम्पनियां बोलती है , “सॉफ्टवेर खरीदो और आप के घर में रिपोर्ट बनाओ” इस का मतलब आप के शहर का वह सेण्टर का सेल्समन आप से झूट बोलता है . हम कभी आप को झूट नहीं बोलते , आप से कहते है यह हमारा अपना संशोधन है. भारत में रिपोर्ट बनता है .
Note :-हम मानते है चन्द्रमा पर दुनिया के सिर्फ चार देश के चन्द्र यान उतरे है, उस में हमारा देश भारत है . पुरे विश्व में जितने सॉफ्टवेर इजीनियर है उन में 80 % भारत के है , गूगल , मायक्रोसोफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के हेड भारतीय है , कब तक हम (कस्टमर ) अपनी अज्ञान का प्रदर्शन करते रहेंगे ?
B) उस के साथ हमारी कम्पनी ब्रांड नेम बढाने के लिए (Rel Jio की तरह 2018 से 20) अपने जेब से 25% सब्सिडी देती है.( स्वयम कर्जा उठाकर ) इस लिए हमारा प्रोडक्ट मार्केट रेट से 75% सस्ता हो जाता है .
यह सब, जब हम ऑनलाइन बिजनेस करेंगे , होम सर्विस देंगे , और होम बिज़नस करेंगे तभी हो सकता है . हम जितने महंगे इवेंट में हिस्सा लेंगे उतना आप का रिपोर्ट का प्राइसिंग ( कास्ट ) बढ़ेगा .हम कस्टमर के लिए बिजनेस करते है , हमारा बिजनेस आदर्श रिलायंस जिओ (Rel Jio )है .
हमारे 999 मार्केट रिपोर्ट और बाकी कम्पनियों के रिपोर्ट, इस के साथ हमने हमारे 2500 गोल्डन पैकेज के रिपोर्ट की तुलना हम ने एक चार्ट में की है. उस चार्ट की इमेज को वेबसाइट पर रखा भी है, आप पढ़ कर समझ सकते हो .
फिर भी कहते है , दोनों के बिच टोटल कैलकुलेशन्स का फर्क है 20(1500 पॉइंट Vs 3820 पॉइंट ) ,
B ) समझ जाओ , यदि आप का कोई फिंगरप्रिंट लेनेवाला यदि एक गलती करता है,- गलत फिंगरप्रिंट लेता है, / गलत ढंग से फिंगरप्रिंट लेता है, / लेफ्ट हैण्ड की जगह राईट हैण्ड की फिंगरप्रिंट लेता है, इन में से किसी भी गलती में रिपोर्ट विदेश में बना तो भी 100 % गलत बनेगा.
C ) आप को मालुम नही तो बता देता हूँ, किसी ने फिंगरप्रिंट इधर से डाला और dmit रिपोर्ट उधर से बाहर आया ऐसा कभी होता नहीं. उस के अंदर के पैटर्न पहचानने पड़ते है, रिजेस काउंटिंग करनी पडती है, वह सारा डाटा सॉफ्टवेयरों में डालना पड़ता है, इस सभी कार्य में किसी से भी , छोटी सी भी गलती हुई, तो आप का रिपोर्ट विदेश में बनानेवाला रिपोर्ट भी 100 % गलत बनेगा. तो विदेशी रिपोर्ट का क्या फायदा.
D )रिपोर्ट का आधा हिस्सा कौन्सिलिग का होता है ,वह भी आप के देश का एक इंसान करता है .
E )यदि विदेशी टेक्नोलोजी के रिपोर्ट में जो चार्ट दिखाते (चार्ट में x और Y वैल्यू नही देते ) तो वह क्या साइंटिफ है ?
F )यदि विदेशी टेक्नोलोजी के रिपोर्ट में मार्क्स स्टार पैटर्न में बताते है one(*)Star to five Star (*****)में बताते है और हमारे जैसी स्वदेशी कम्पनी १ to 100 मार्क्स में कैलकुलेशन्स बताते है. तो समझो अत्याधुनिक टेक्नोलोजी हमारे पास है . उत्तर यह है कि हमारा रिपोर्ट पूर्णता स्वदेशी है .धन्यवाद .
G) कई सेण्टर वाले कहते है की हमारा रिपोर्ट विदेश में बनकर वापस इडिया में आता है लेकिन उन्होंने जिन देशी /विदेशी कम्पनियों से सॉफ्टवेयरों को खरीदा है ,वह कम्पनियां बोलती है , “सॉफ्टवेर खरीदो और आप के घर में रिपोर्ट बनाओ” इस का मतलब आप के शहर का वह सेण्टर का सेल्समन आप से झूट बोलता है . हम कभी आप को झूट नहीं बोलते , आप से कहते है यह हमारा अपना संशोधन है. भारत में रिपोर्ट बनता है .
Note :-हम मानते है चन्द्रमा पर दुनिया के सिर्फ चार देश के चन्द्र यान उतरे है, उस में हमारा देश भारत है . पुरे विश्व में जितने सॉफ्टवेर इजीनियर है उन में 80 % भारत के है , गूगल , मायक्रोसोफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के हेड भारतीय है , कब तक हम (कस्टमर ) अपनी अज्ञान का प्रदर्शन करते रहेंगे ?
Que 5)A)आप को इतना सस्ते में (75 % off ) में DMIT रिपोर्ट बेचना कैसे संभव है ?B)आप के कोई आकर्षक, महंगे, बड़े बड़े सेंटर क्यों नहीं है ?C)आप ऑनलाइन बिजनेस क्यों करते हो ? D)आप बड़े बड़े महंगे मार्केटिग इवेंट में क्यों नहीं हिस्सा लेते हो ?
Ans.:- A)जब कोई इन्वेस्टमेंट करते हुए लाखो रूपये का सॉफ्टवेयरों को खरीदता है, 10 से 25 हजार प्रति माह के हिसाब से जो आदमी साल का लाखो रूपये का शॉप रेंट देता है , फर्नीचर और मार्केटिग के लिए लाखो रूपये खर्च करता है वह आदमी अपने इन्वेस्टमेंट को निकालने के लिए प्रोडक्ट ( रिपोर्ट ) का दाम दुगुना बढाता है . हमारे कम्पनी इस में से कुछ भी खर्चा नहीं करती, क्योंकि हमारा बिजनेस पैटर्न सर्विस टाइप का है . हमारा यह प्रॉफिट हम कस्टमर को देते है, तो हमारा रिपोर्ट आपने आप 90 % सस्ता हो जाता है.B) उस के साथ हमारी कम्पनी ब्रांड नेम बढाने के लिए (Rel Jio की तरह 2018 से 20) अपने जेब से 25% सब्सिडी देती है.( स्वयम कर्जा उठाकर ) इस लिए हमारा प्रोडक्ट मार्केट रेट से 75% सस्ता हो जाता है .
यह सब, जब हम ऑनलाइन बिजनेस करेंगे , होम सर्विस देंगे , और होम बिज़नस करेंगे तभी हो सकता है . हम जितने महंगे इवेंट में हिस्सा लेंगे उतना आप का रिपोर्ट का प्राइसिंग ( कास्ट ) बढ़ेगा .हम कस्टमर के लिए बिजनेस करते है , हमारा बिजनेस आदर्श रिलायंस जिओ (Rel Jio )है .
Que 6) DMIT के लिए फिंगरप्रिंट लेने का तरीका एक ही है, तो उस से जनरेट होनेवाला र्रिपोर्ट में ऑनलाइन में 999 और offline 2500 का फर्क क्यों है ?
Ans.:- कौन्सिलिंग का चार्ज भी 2500 के अंतर्गत लिया जाता है , लेकिन 999 में कोई कौन्सिलिग नही की जाती इस लिए सीधा फर्क पड़ता है . उस के साथ ...हमारे 999 मार्केट रिपोर्ट और बाकी कम्पनियों के रिपोर्ट, इस के साथ हमने हमारे 2500 गोल्डन पैकेज के रिपोर्ट की तुलना हम ने एक चार्ट में की है. उस चार्ट की इमेज को वेबसाइट पर रखा भी है, आप पढ़ कर समझ सकते हो .
फिर भी कहते है , दोनों के बिच टोटल कैलकुलेशन्स का फर्क है 20(1500 पॉइंट Vs 3820 पॉइंट ) ,
(8 इंटेलिजेंस Vs 29 इंटेलिजेंस)
(178 क्रायटेरीया Vs 367+ क्रायटेरीया)
(8 चार्ट Vs 28+ चार्ट )
( रैंक शोज 21 टाइम Vs रैंक शोज 128+ टाइम )
लगभग दुगुना रिपोर्ट मिलता है. तो चार्ज भी दुगुने से ज्यादा होगा ही .
हम आप को फंसाना नहीं चाहते. हमारे दोनों रिपोर्ट में लगभग 80 % जानकारी समान है . इसी लिए पेज संख्या में भी 20 % का फर्क है, जो 20 % कम है . वह कैलकुलेशन्स -डिटेल इन्फोर्मेशन के कारण है .
दुगुने क्रायटेरीया है उस के कारण है .
नोट :- पेज की संख्या पर रिपोर्ट की कीमत यह तरीका देहाती / अनपढ़ लोगों के बिच की मार्केटिग स्टेटेजी है, उस फोर्मुले को हम अपनाते नहीं . क्योंकि हम अपने कस्टमर को रिपोर्ट का स्टैंडर्ड बताने के लिए, स्टैंडर्ड तरीके अपनाते है. हम उन्हें बुद्धिमान मान कर आदर करते है.
लेकिन यदि वही एक आदमी सिर्फ 5 मिनट का स्लाईड बेस / डिजिटल विडिओ बनाना चाहता है तो 50 से 100 स्लाइड/ इमेज बनानी पडती है, तो 8 से 10 अलग अलग काम होते है 4 से 5 दिन लगते है .इस लिए वह कठिन और समय लेनेवाला कार्य है .
आज जब कोई आदमी जानकारी लेने के लिए हमारे चेनल पर आता है , तो हमारा कोई भी विडियो तुरंत मिलाता है. लेकिन जब हम कस्टमर के फीडबैक वाले, एक- एक मिनट के 50 से 60 विडियो रखेंगे, तो हमारा कस्टमर ज्ञान / नॉलेज से दूर होगा, भटक जाएगा. हमारे बड़े ज्ञानवर्धक विडिओ भी फीडबैक विडियो की भीड़ में खो जाएंगे.
हमारे जानकारी के अनुसार कई बुद्धिमान कस्टमर फीडबैक विडियो को आर्टिफिशियल मार्केटिग मानते है , औए उस की डिमांड करनेवाले सिर्फ 10% लोग होते है , इसी लिए हम उस से दूर रहते है .
मार्केट में जिन सेण्टर की एक भी वेबसाईट नहीं होती, उस पर सैंपल रिपोर्ट नहीं रखते ऐसे ही लोग कस्टमर को प्रभावित करने के लिए फीडबैक विडियो का मार्ग अपनाते है .
फोन नंबर देने के बारे में .....
जो लोग फीडबैक विडियो देते है, कमेन्ट करते है, उन्हें उनके शहर वाले/ पहचानने वाले .....“इच्छुक” कस्टमर पूछताछ करते हुए (बार-बार फोन कर के अथवा मेसेज भेजकर अथवा मिलकर) परेशान करते है. उनके पर्सनल रिपोर्ट पढने के लिए मांगते है. कई लोग तो उस रिपोर्ट में लिखी व्यक्तिगत जानकारी पढकर उस का गलत उपयोग करते है. (एक अनोखा उदाहरण बताना चाहूँगा हमारे एक नए फ्रंचेयसी होल्डर ने जोश में आकर गलती से एक पुराने कस्टमर का नंबर फीडबैक के हेतु पूछताछ करनेवाले आदमी को दिया था, तब एक... ही परिवार के तीन सदस्यों ने (माता + पिता + दादाजी ) अलग अलग ढंग से पूछताछ करके परेशान किया. वह नंबर 25-30 लोगों को दिया था तो क्या परिस्थिति हुई होंगी? ) जो हमारे कस्टमर है ,वें काम में व्यस्त रहते है, उन के पास टाईमपास करने के लिए समय नहीं होता. इसी लिए हमारे पुराने कस्टमर के अनुभव के आधारपर और उनकी ही रिक्वेस्ट / आग्रह के आधारपर हमने निर्णय लिया और हमारे किसी भी कस्टमर की जानकारी / फोन नंबर बताना बंद किया है. कृपया इस लाइव फीडबैक (फोन नंबर ) की मांग न करें. “पुराने कस्टमर का नंबर मांगने वाले, इस सवाल का जबाब दें कि इतना कीमती रिपोर्ट खरीदने के बाद क्या, आप अपने फोन नंबर किसी कम्पनी को पब्लिसिटी मार्केटिग के लिए देने के लिए सहमत है?”
मजेदार बात यह हैं की इस फिल्ड में बहुत सारे लोग है. जो मित्र और रिश्तेदारों के विडियो बनाते है, या पैसे देकर विडियो बनवाते है. आप को यह भी मालुम है, पैसे लेकर एक दिन में हजारो.... फ़ॉलोअर, / लाइक, / कमेन्ट, / फीडबैक, / विडिओ बनाकर देनेवाली कम्पनियां मार्केट में काम कर रही है. एसे बहुत सारे फ्रोड़ की खबरें आप ने पढ़ी होंगी. उन के इश्तेहार भी देखें होंगे. हम यह नहीं करते, हम सिर्फ मेहनत और गुणवत्ता के आधारपर आगे बढना चाहते है न की पब्लिसिटी मार्केटिग के आधारपर.....
तो आप को तय करना है अपनी बुद्धि पर आप को भरोसा रखना है या भ्रम (पब्लिसिटी मार्केटिग) पर.
नोट –“ मार्केट सर्वे के अनुसार जो आदमी स्वयम ज्ञान न पढकर , परखकर , क्वालिटी जाँच नही सकता , सिर्फ दूसरों के अनुभव सुनकर अपनी राय बना लेता है , वह क्वालिटी को क्वालिटी के क्रायटेरिया समझ नही सकता . उपरी चकाचोंध से प्रभावित होता है .”
एक उदाहरण देना चाहते है , कोको कोला कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी है लेकिन वह सिर्फ प्रोडक्ट के बारे में जानकारी बताती है. पिछले 50 सालों में उस ने अपना रिसर्च , अथवा फ्रोर्मुला किसी को बताया नहीं. किसी को प्रूफ दिया नहीं .
Que 7)A)आप के दो DMIT रिपोर्ट के पेज संख्या में (43 & 53 ) सिर्फ 10 पेजेस का फर्क है, लेकिन रेट में दुगुना से ज्यादा फर्क कैसे ?B)आप का रिपोर्ट कितने पेज का है ? 15….30………45…….55…….75…….90…
Ans.:- रिपोर्ट उसी को कहते है जो मार्क्स , रैंक , चार्ट, ग्राफ , इनके माध्यम से दिया जाता है , पेज की संख्या से कुछ फर्क नहीं पड़ता वह तो सिर्फ जानकारी (इन्फोर्मेशन) होती है. आप को एसी चीजों में इंटरेस्ट है, तो हमारे वेबसाईट पर जायेंगे, तो 200 पेज भरेंगे इतनी इन्फोर्मेशन है, वह भी फ्री में .हम आप को फंसाना नहीं चाहते. हमारे दोनों रिपोर्ट में लगभग 80 % जानकारी समान है . इसी लिए पेज संख्या में भी 20 % का फर्क है, जो 20 % कम है . वह कैलकुलेशन्स -डिटेल इन्फोर्मेशन के कारण है .
दुगुने क्रायटेरीया है उस के कारण है .
नोट :- पेज की संख्या पर रिपोर्ट की कीमत यह तरीका देहाती / अनपढ़ लोगों के बिच की मार्केटिग स्टेटेजी है, उस फोर्मुले को हम अपनाते नहीं . क्योंकि हम अपने कस्टमर को रिपोर्ट का स्टैंडर्ड बताने के लिए, स्टैंडर्ड तरीके अपनाते है. हम उन्हें बुद्धिमान मान कर आदर करते है.
Que 8) आप DMIT की होम सर्विस देते हो? उस के लिए हमें कितना ज्यादा चार्ज देना पड़ता है ?
Ans.:- होम सर्विस - आप ( कस्टमर) ने कम्पनी को डायरेक्ट फोन करके यह सुविधा मांगी हो तो हम आपको फ्री* में विडियो ट्रेनिग देंगे आप स्वयम अपने घर में टेस्ट करेंगे . सिर्फ (विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )Que 9) DMIT YouTube चेनल पर आप लोगों के फीडबैक वाले विडियो क्यों अपलोड नहीं करते ? अथवा जिन्होंने आप का रिपोर्ट मेरे शहर में खरीदा है, उन का फोन नंबर पूछताछ करने हेतु आप मुझे दे सकते है क्या?
Ans.:- हमारे youtube चैनल पर सारे जानकारी के विडियो है वह भी 5 मिनट से लेकर 33 मिनट तक के. वह भी डिजिटल होते है. यदि कोई एक आदमी क कैमरा के सामने खड़े होकर एक घंटे का विडिओ बनाना चाहता है उस को बनाए के लिए सिर्फ एक ही घंटा लगता हैलेकिन यदि वही एक आदमी सिर्फ 5 मिनट का स्लाईड बेस / डिजिटल विडिओ बनाना चाहता है तो 50 से 100 स्लाइड/ इमेज बनानी पडती है, तो 8 से 10 अलग अलग काम होते है 4 से 5 दिन लगते है .इस लिए वह कठिन और समय लेनेवाला कार्य है .
आज जब कोई आदमी जानकारी लेने के लिए हमारे चेनल पर आता है , तो हमारा कोई भी विडियो तुरंत मिलाता है. लेकिन जब हम कस्टमर के फीडबैक वाले, एक- एक मिनट के 50 से 60 विडियो रखेंगे, तो हमारा कस्टमर ज्ञान / नॉलेज से दूर होगा, भटक जाएगा. हमारे बड़े ज्ञानवर्धक विडिओ भी फीडबैक विडियो की भीड़ में खो जाएंगे.
हमारे जानकारी के अनुसार कई बुद्धिमान कस्टमर फीडबैक विडियो को आर्टिफिशियल मार्केटिग मानते है , औए उस की डिमांड करनेवाले सिर्फ 10% लोग होते है , इसी लिए हम उस से दूर रहते है .
मार्केट में जिन सेण्टर की एक भी वेबसाईट नहीं होती, उस पर सैंपल रिपोर्ट नहीं रखते ऐसे ही लोग कस्टमर को प्रभावित करने के लिए फीडबैक विडियो का मार्ग अपनाते है .
फोन नंबर देने के बारे में .....
जो लोग फीडबैक विडियो देते है, कमेन्ट करते है, उन्हें उनके शहर वाले/ पहचानने वाले .....“इच्छुक” कस्टमर पूछताछ करते हुए (बार-बार फोन कर के अथवा मेसेज भेजकर अथवा मिलकर) परेशान करते है. उनके पर्सनल रिपोर्ट पढने के लिए मांगते है. कई लोग तो उस रिपोर्ट में लिखी व्यक्तिगत जानकारी पढकर उस का गलत उपयोग करते है. (एक अनोखा उदाहरण बताना चाहूँगा हमारे एक नए फ्रंचेयसी होल्डर ने जोश में आकर गलती से एक पुराने कस्टमर का नंबर फीडबैक के हेतु पूछताछ करनेवाले आदमी को दिया था, तब एक... ही परिवार के तीन सदस्यों ने (माता + पिता + दादाजी ) अलग अलग ढंग से पूछताछ करके परेशान किया. वह नंबर 25-30 लोगों को दिया था तो क्या परिस्थिति हुई होंगी? ) जो हमारे कस्टमर है ,वें काम में व्यस्त रहते है, उन के पास टाईमपास करने के लिए समय नहीं होता. इसी लिए हमारे पुराने कस्टमर के अनुभव के आधारपर और उनकी ही रिक्वेस्ट / आग्रह के आधारपर हमने निर्णय लिया और हमारे किसी भी कस्टमर की जानकारी / फोन नंबर बताना बंद किया है. कृपया इस लाइव फीडबैक (फोन नंबर ) की मांग न करें. “पुराने कस्टमर का नंबर मांगने वाले, इस सवाल का जबाब दें कि इतना कीमती रिपोर्ट खरीदने के बाद क्या, आप अपने फोन नंबर किसी कम्पनी को पब्लिसिटी मार्केटिग के लिए देने के लिए सहमत है?”
मजेदार बात यह हैं की इस फिल्ड में बहुत सारे लोग है. जो मित्र और रिश्तेदारों के विडियो बनाते है, या पैसे देकर विडियो बनवाते है. आप को यह भी मालुम है, पैसे लेकर एक दिन में हजारो.... फ़ॉलोअर, / लाइक, / कमेन्ट, / फीडबैक, / विडिओ बनाकर देनेवाली कम्पनियां मार्केट में काम कर रही है. एसे बहुत सारे फ्रोड़ की खबरें आप ने पढ़ी होंगी. उन के इश्तेहार भी देखें होंगे. हम यह नहीं करते, हम सिर्फ मेहनत और गुणवत्ता के आधारपर आगे बढना चाहते है न की पब्लिसिटी मार्केटिग के आधारपर.....
तो आप को तय करना है अपनी बुद्धि पर आप को भरोसा रखना है या भ्रम (पब्लिसिटी मार्केटिग) पर.
Que 10) DMIT आप का रिपोर्ट कैसे बनती है यह बताइए ? उसकी रिसर्च लैब कहाँ है ? आप का संशोधन का ( रिसर्च का प्रूफ बताइए ?
Ans.:- लेकिन हमारी रिसर्च के बारे में हमने वेबसाइट पर बेसिक जानकारी दी है, वह रिपोर्ट खरीदने के लिए काफी है, उतनी बेसिक जानकारी भारत की कोई DMIT कम्पनी बताती नही है , हम उनसे अलग हटकर डिटेल बताना नहीं चाहेंगे . आज तक एक साल का हमारा अनुभव है कि जिसे ने रिपोर्ट खरीदा है, या फ्रंचेयसी ली है ,उन में से एक भी व्यक्ति ने ऐसा सवाल पूछा नहीं है , जिन्होंने पूछा है, उन में से बहुत सारे सॉफ्टवेयर पायरेसी /पायरेटेड बिजनेस करने वाले निकले .एक उदाहरण देना चाहते है , कोको कोला कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी है लेकिन वह सिर्फ प्रोडक्ट के बारे में जानकारी बताती है. पिछले 50 सालों में उस ने अपना रिसर्च , अथवा फ्रोर्मुला किसी को बताया नहीं. किसी को प्रूफ दिया नहीं .
Que 11) DMIT फ्रंचेयसी होल्डर के नाम पर आप हमें सिर्फ कमिशन एजंट बनाते है ? हमें सॉफ्टवेर बेचकर मालिक क्यों नहीं बनाते ?
Ans.:- (विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )आप ने हमारा बिजनेस पैटर्न वेबसाईट पर पढ़ा ही नहीं . जैसे कोई फ्रंचेयसी होल्डर काम का, मेहनत का पेमेंट लेता है. वैसे भी हम हमारे मेहनत का और काम का सिर्फ सर्विस पेमेंट लेते है . एक रूपये का प्रॉफिट नहीं लेते.रिपोर्ट के cost (कीमत रूपये 2500 ) को हम ने काम (work ) में बाट दिया है. हम अथवा फ्रैंचाइज़ी होल्डर इन में जो जितना काम कर सकते है, ,उसे उतना सर्विस चार्ज मिलेगा. उस में में जितनी गुणवत्ता (क्वालिटी) होगी उतना वह कमा पाएगा . तो प्रॉफिट की कोई बात ही नहीं है.
मालिक होने का हक मिलने के बाद 50 % लोग पायरेसी बिजनेस करने में लगते है .स्वयम ही अपने नाम से सॉफ्टवेर की कोपी बनाकर दूसरों को बेचने लगते है. मालकी हक का पॉवर लेकर, कस्टमर को मनमाने तरीके से लुटने का हेतु रखनेवाले लोगों को, दूर रखने के लिए, हम ने तरीका अपनाया है .
हमारे संशोधन को शुद्ध रखने और अपडेटेड को बनाने की लिए हम यह सर्विस चार्ज का रास्ता अपनाते है . पैसे के साथ क्वालिटी बिजनेस करनेवाले, लालच को कंट्रोल में रखनेवाले, प्रामाणिक लोग ही हमारे साथ जुड़ते है .
*यह उत्तर कोई कस्टमर भी पढ़ता होगा तो , वह हमारी वफादारी , पारदर्शकता को समझे और यह हमारी नहीं तो उस की कम्पनी समझे और आगे के ४०-50 सालों तक अपने परिवार में आनेवाले सभी बच्चों का रिपोर्ट हम से ही निकाले. यह हमारा ध्येय और उद्देश्य है .
फर्क फार्मसी कंपनी, मेडिकल शॉप और पेथेलोजी लेब इन तीनों के काम में होता है . फ्रंचेयसी बिजनेस पेथेलोजी लेब जैसा है, पेथोलोजी लेब में केमिकल और मशीन लगती है. कोई महा बुद्धिमान कहता है , उस के लिए मै दुसरे को पैसे क्यों दूँ , सभी फेक्टरियाँ मै ही खोलूँगा कहता है तो वह बिजनेस में जिन्दगी भर सफल नहीं होगा .
(Note :- फिर भी यदि, आप इतने बड़े सपने देखनेवाले ‘बड़े इन्वेस्टर’ हो,..... तो आप एक साथ 1000 रिपोर्ट खरीदने का हमारे साथ कॉन्ट्रैक्ट करो और खरीद लो. सब से पहले एक एप्लीकेशन रूपये 25,000 रजिस्टरेशन फ़ीज के साथ भेज दो. बाद में इस विषयपर जरुर बात करेंगे, सर !)
प्रश्न B से लगता है आप मार्केटिग फिल्ड में काम करने वाले व्यक्ति हो, आप भूल गये हो यहाँ प्रोडक्ट का सिर्फ मार्केटिग करना नहीं, उस प्रोडक्ट का क्वालिटी प्रोडक्शन भी करना है ,महोदय!
प्रश्न A से लगता है की आप चेन सिस्टम में 3 माह में बिना मेहनत पैसा डबल “ जैसे स्कीम से प्रभावित हो
याद रखो हमारा बिजनेस मेहनत पर आधारित है ( सर्विस चार्ज का बिजनेस है.) जितना क्वालिटी काम आएगा, काम करोगे उतने पैसे मिलेंगे.
इसे समझाने के लिए मै एक उदाहरण देना चाहूँगा , मानो एक डॉक्टर ज्यादा कमाई के लालच में छोटे से दवाखाने के बाजू में मेडिकल शॉप खोलता है, दूसरी तरफ पेथेलोजी लेब खोलता है ,तीनो बिजनेस स्वयम करना चाहता है, ..........लेकिन पेथेलोजी लेब में खून की जाँच का कोर्स करने के लिए अलग क्वालिटी और कोर्स करना पड़ता है , मेडिकल स्टोर चलानेवाले के लिए अलग क्वालिटी और कोर्स लगता है. ........एक डॉक्टर वह अलग दो काम कर सकता है लेकिन उन एक्सपर्ट जैसी क्वालिटी नहीं दे पाएगा. के समय नहीं दे पाएगा...... उसे उस फिल्ड के वर्कर रखने पड़ेंगे उन्हें सैलरी देनी पड़ेगी, तो हाथ में प्रॉफिट कितना रहेगा ? अरे!.....वह तो डोक्टर है कम से कम उसे उस फिल्ड का नोलेज है , कुछ न कुछ जुगाड़ हर सकता है
लेकिन आप के बारे में पहला पॉइंट यह है कि आप सिर्फ पैसे के बलबूते पर बिजनेस करना चाहते है , आप को DMIT फिल्ड का कुछ भी एक्सपर्ट जैसा नोलेज नहीं है, अथवा चाइल्ड सायकोलोजी से रिलेटेड स्कूल , ट्यूशन, क्लासेस जैसे टीचिंग प्रोफेशन में कम से कम 10 साल काम भी नहीं किया है , तो आप एक एक्सपर्ट जैसे ‘अकेले’ काम कैसे कर पाओगे ? आप को प्रॉफिट कहाँ से होगा?, ....... दूसरा पॉइंट यह है कि तो आप ने MBA जैसा कोर्स किया है तो मै मानूंगा,आप आराम से बिजनेस कर पाएंगे . लेकिन आप को तो हर काम के लिए ऑफिस स्टाफ रखना पड़ेगा, मार्केट का सामन्य नियम है “यदि कोई आदमी 15 % सर्विस चार्ज ( मेहनत की मजदूरी ) देने के लिए , इतना सोचता है, वह जिन्दगी में ऑफिस में सेलरी देकर स्टाफ नही रख पाएगा, (Ref – मार्केट सायकोलोजी ) क्योंकि आप का बिजनेस चले या ना चले, आप को स्टाफ की सेलरी तो देनी ही पड़ेगी, उस का मूल्य कभी कभी वह हमारे मंथली कुल सर्विस चार्ज से दुगुना, कभी कभी पांच गुना ज्यादा हो सकता है . आप की भलाई इसी में है कि आप हमारे टीम की मदद लेकर काम करें, ज्ञान ले, एक्सपर्ट बनें और बहुत कमाए , किस ने आप को रोका है ? माननीय महोदय !
तो आप के प्रश्न का उत्तर आता है-“ बिलकुल नहीं”
1)पहली बात है, कि हमारे उपर (SBID) किसी ने आरोप लगाया नहीं है.
जिन डॉक्टरों के समूह (मनोवैज्ञानिकों ) ने आरोप लगाया है अथवा पिछले 10 सालों से लगाते आए है, वह सभी आरोप उनपर लगे है.
जो 5-10 साल से इस फिल्ड में काम कर रहें है, जो बड़ी स्कूल को कमिशन देकर जबरदस्ती से हर बच्चे का रिपोर्ट निकालवा लेते है, अभी अभिभावकों ने वह सभी आरोप उनपर लगाए लगे है.
जो कम्पनियां 3000 से 10000 तक रिपोर्ट बेचते है, कीमत के सम्बन्धित सभी आरोप उनपर लगे है, ...........हम तो वही क्वालिटी का रिपोर्ट सिर्फ Rs 999 में देते है, लूटना छोड़ो ,उल्टा हम उनकी मदद करते है .
अथवा जो 10 वीं और 12 वीं. पास सेण्टर होल्डर /फ्रैंचाइज़ी होल्डर काउन्सलिंग करता है. और करोड़ो रूपये कमाता है. काउंसिलिंग सम्बन्धित सभी आरोप उनपर लगे है.
हमें व्यावसायिक तौर पर एक साल हुआ है. फिर भी हम मार्केट क्वालिटी का रिपोर्ट, मार्केट रेट से 75 % off में, सिर्फ Rs. 999 में बेचते आये है. आगे भी बेचेंगे.
भारत की हमारी अकेली कंपनी है जो रिपोर्ट पर उस का रेट लिखती है. तो दूसरी तरफ फ्रंचेयसी होल्डर को कम रेट में रिपोर्ट बेच सके, इस लिए अपने जेब से सब्सिडी देते है. हम फ्रोफिट कमाते ही नहीं, तो स्कूलों को कमिशन कहाँ देंगे? जो कमाता है वह फ्रंचेयसी होल्डर.
हम तो इस बात से पूरी तरह से सहमत है, आरोप करने वालों के साथ है .
आज DMIT के क्षेत्र में ऐसी कम्पनियां है,
जहाँ कंप्यूटर इंजीनियर ने बिना रिसर्च के सॉफ्टवेयर बनाकर बेचे है, पाइरेसी कंपनियां है, जिन का कोई रिसर्च नहीं है, उन का यह प्रॉब्लम है.
जिनके पास एजुकेशन फील्ड की कोई डिग्री नही या 15-20 वर्षों का अनुभव नही फिर भी काउन्सलिंग करते है , यह उनका प्रॉब्लम है.
3000 से 10000 रुपये लेकर कस्टमर को लूटते है. इस चीज का हम पहले से विरोध करते आए है. हम (SBID) बाकी सारे DMIT कम्पनियों से अलग है. हम तो 999 इतने कम कीमत पर बिजनेस करते है.
DMIT यह क्षेत्र एजुकेशन से रिलेटेड है. लेकिन उस में अनेको मुख्य चार प्रकार के काम होते है 1) मार्केटिंग 2) कंप्यूटर रिलेटेड वर्क (3 टाइप ) 3) कौन्सिलिग ४) रिसर्च टीम (रिपोर्ट जनरेट करना ) ,
DMIT टेस्ट का सेंटर चलानेवाले को मार्केटिग का अथवा कंप्यूटर का तकनीकी का पूरा 100 % नोलेज हो सकता है. लेकिन वह… कम पढ़ा लिखा अथवा अलग एजुकेशनल क्वालिफिकेशन धारक हो सकता है. दूसरी तरफ काउंसिलिंग के लिए काबिल होगा, इस की गेरेंटी नहीं इसीलिए हम मानते है “चाइल्ड सायकोलोजी अनुभवी टीचर के सिवाय कोई अच्छी तरह से समझ नहीं सकता.” हम ने शुरुवात से इस बात का साथ दिया है.
हमारी कम्पनी में सिर्फ..... एजुकेशन फिल्ड का +15 साल का अनुभव और उस से रिलेटेड डिग्रियां हो ऐसा आदमी ही काउन्सलिंग कर सकता है, बाकी लोगों की क्वालिफिकेशन हम चेक करते है , हम टेस्ट लेते है. हमारे हर काउंसिलिंग का रिकोर्डिंग का नियम है, उस का हम री चेकिग करते है. हम सभी सायन्स के नियमों का अनुसरण करते है. तो अब आप को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
Que.16)
1)पहली बात है कि हमारे उपर (SBID ) किसी ने आरोप लगाया नहीं है.
फिर भी जो कस्टमर शंकाग्रस्त होकर, हमें उन कम्पनियों जैसा समझ कर, सवाल पूछते है. सिर्फ उन की तसल्ली के लिए, कुछ साइटीफिक तथ्य रख रहें है ....
सायन्स में एसा हजारो बार हुआ है, जो सिर्फ कल्पना मानी जाती थी, जिसे अनसाइटीफिक माना गया, बाद में उसे उसी रूप में स्वीकार गया, जैसे की आयुर्वेद का मजाक उड़ाया गया आज भी विदेशी सायन्स भारतीय आयुर्वेद को अनसाइटीफिक मानता है. हम 5000 वर्षों से हल्दी अथवा शहद को जख्म पर लगाने और रोगप्रतिकारक अथवा रोगप्रतिकारक के रुप में इस्तेमाल करते है, लेकिन जब विदेशियों ने अमरीका में जाकर उन का पेटेंट कराया तब वह हल्दी अथवा शहद एक दिन में साइटीफिक हो गये. वही बात करेले से लेकर गोमूत्र तक की है. यह सब प्रॉफिट या मार्केटिंग के लालच का खेल है.
यदि कोई जनरल डाक्टर कोई भी अंदरुनी, अनजान बीमारी हो, तो पेशंट के आँख देखता है, गला देखता है, नब्ज या दिल की धडकने गिनता है, यह क्या है ? उस में 50 % टेस्ट डरमिटोग्लायफिक्स (बॉडी एंड स्किन टेस्ट ) का बड़ा और सामान्य रूप है. ( दूसरी तरफ DMIT में भी जो टेस्ट का आधार है उसे भी डरमिटोग्लायफिक्स ) कहते है. तो दोनों तरफ एक ही काम चलता है. तो सिर्फ DMIT टेस्ट कैसे गलत हुई ? और डोक्टर डरमिटोग्लायफिक्स टेस्ट के आधारपर, आप को 5-6 दवाई लिखकर देता है, वह क्या हर पेशंट से फिजिकल टेस्ट ( ब्लड, यूरिन, कार्डियोग्राम ....) करवाता है ? फिर भी आप उस के पास जाते हो ना? डोक्टर साइंटीफिक एक्सपर्ट कहते हो. वह कुछ बताता नही, उल्टा आप को सिर्फ बीमारी के लक्षण पूछता है. आप जो बताते है, उसी के आधार पर सिर्फ अंदाज से दवाई लिखकर देता है. फिर भी आप उसे साइंटीफिक टेस्ट कहते है. हम इस निरिक्षण और संभावना की चिकित्सा का विरोध नही करते है . लेकिन यही निरिक्षण और संभावना यह DMIT के बारे में गलत बोलना सरासर गलत है .
याद रखो ....”सायन्स कभी भी संभावनाओं को नकारता नहीं, विरोध नहीं करता उल्टा उसे तलाशता है / ढूढ़ता है. उस पर प्रयोग करता है. वह प्रगतिशील होता है, परिवर्तनशील /चेजेबल होता है”.
DMIT टेस्ट यह अन-साइटीफिक होने के आरोपों से, हमारा कोई सम्बन्ध नहीं है. हमारा रिसर्च और फार्मूला (कैलकुलेशन्स ) बाकी के DMIT कम्पनियों के रिसर्च से संपूर्णता अलग है. तथापि एक ही फिल्ड का होने के कारण प्रेजेंटेशन में साम्य हो सकता है, लेकिन निष्कर्ष के शार्पनेस में फर्क है.
हम अपने बारे में इतना कहना चाहेंगे कि हमारा SBID DMIT यह एक रिपोर्ट नहीं है, 33 रिपोर्ट का समूह है. उन में से हर पर दुनियां के किसी न किसी सरकारी अथवा प्रायवेट मेडिकल कोलेज के प्रोफेसरों नें रिसर्च की है. तो अदि आप हमारे उपर आरोप करने से पहले उन सैकड़ो साइटीफिक मार्ग पर चलने वालों को गलत साबित करना पड़ेगा. उदाहरणार्थ हम हमारे रिपोर्ट में ATD एंगल्स का रिपोर्ट देते है. उस विषय पर के उपर विदेशों का छोड़ दो हमारे देश के पुणे के gov मेडिकल कोलेज के प्रोफेसरों ने रिसर्च किया है. वह सारे अनसाइटीफिक और फ्रोड़ नहीं है. आरोप लगाने वालों से बड़े साइटीफिक है
हम क्वालिटी रिपोर्ट देते है. हमारी कम्पनी में सिर्फ एजुकेशन फिल्ड का +15 साल का अनुभव और उस से रिलेटेड डिग्रियां हो ऐसा आदमी ही काउन्सलिंग कर सकता है, हम सभी सायन्स के नियमों का अनुसरण करते है.
जो लोग “ साइटीफिक-सायकोलोजी” का उपयोग करते हुए आरोप लगाते है, उन लोगों का आरोप है कि डरमिटोग्लायोफिक्स और शरीर के किसी हिस्से का सम्बन्ध, अपने विचार और बुद्धि से अथवा दिमाग के लोब अथवा न्यूरोंस से नहीं है. इसी लिए आप उन के पास ही काउंसिलिंग के लिए जाए .
क्या उन्होंने अपनी किसी भी साइटीफिक डरमिटोग्लायोफिक्स टेस्ट का तुलना किसी DMIT रिपोर्ट से की है ? और (चुपके से नहीं...). आमने सामने बैठकर “समान साइटीफिक नियमों” के आधारपर सेम प्रकार की टेस्ट से, प्रैक्टिकली साबित करते हुए दिखाया है ? नही ना ? तो हम या आप जो साइंटिफिक तरीके अपनाते ही नहीं उन लोगों के आरोपों पर पर भरोसा कैसे रख सकते है ?.
आरोप लगाने वाले डोक्टर लोग कहेंगे हमारे मनोविज्ञान डरमिटोग्लायोफिक्स अथवा शरीर के पार्ट आते ही नहीं.उन लोगों को मै यह नहीं कहूँगा आप स्वयम ही लिखी हुई बात से अनजान है अथवा अपने सब्जेक्ट की कम जानकारी रखते है . हम सिर्फ उन्हें पढे लिखे डोक्टर (मनोवैज्ञानिक) की लिखी किताबों का स्क्रीन शॉट देना चाहते है . (आप इटरनेट पर सर्च करेंगे तो आप को एसे हजारो उदाहरण मिलेंगे.) क्या आरोप करनेवाले स्वयम अपने आप को अनसाइटीफिक मानने के लिए तैयार है? यह स्क्रीन शॉट में जानबूझ कर हम ने लेखक का नाम छुपाया है क्योंकि वह अकेला टारगेट न बनें. और आरोप करने वाले छुट जाए. (वह तो सिर्फ एक उदाहरण के रूप में दिया है) जिन्होंने ऐसी किताबे लिखी है उनकी किताबे स्टूडेंट को पढ़ने के पाठ्यक्रम में शामिल है .
..................
इस इमेज में आप देख रहें है, यह जिसे सायन्स मान रहे है. उन की साइटीफिक किताबों /बुक में वें यह लिख रहे कि आदमी का शरीर का आकार जाडा हो, पतला हो, लम्बा हो, गठीली मांसपेशी हो , मजबूत हड्डियाँ हो,.. तो वह आदमी किस- किस प्रकार की सोच रखता है यह बताया है जो इमेज में अंडर लाइन किया है उसे बाजू के वाक्यों के साथ पढो ........
यदि डोक्टर (मनोवैज्ञानिक) लोगों ने लिखी हुई किताब में बताई गई बाते.... ”शरीर के बड़े मसल्स के आधार पर हम आदमी की सोच का वर्गीकरण कर सकते है” .....यह विचार यदि साइटीफिक है, तो फिंगरप्रिंट DMIT का उस से भी सूक्ष्म संशोधन अन-साइटीफिक कैसे हो सकता है ?
इस किताब की बात इमेज पर सोचेंगे , मान लीजिए, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी, महात्मा गांधीजी, इंदिरा गांधीजी अमिताभ बच्चन के हम शक्ल भारत में है, वह डुप्लीकेट हूबहू उन के जैसे दिखते है, लेकिन क्या डुप्लीकेट, उन ओरिजनल बड़े लोगों जैसे समान बौद्धिक क्षमता वाले है ? बिलकुल नहीं. तो इन आरोप करने वालों की अपने सब्जेक्ट की बुनियाद ही खतरेमे पड जाती है.
यह सबूत के साथ पढकर आप (पाठक ) कहेंगे “इस से सिद्ध होता है, आज नये विचारों को परख कर विरोध करने की काबिलियत कम होती जा रही है, इस प्रकार की संकुचित सोच रखना ही अनसाइटीफिक है.”.......
लेकिन हम ऐसा नहीं मानते . हम मानते है कि “सिर्फ 10 % भी जेन्यूअन रिजर्ट आता है, तो आरोप करने वाले की की मनोविज्ञान पर लिखी किताबों /बुक साइटीफिक है.”
ऐसे अनेकों किताबों / बुक के अलग अलग उदाहरण (स्क्रीन शॉट ) हमारे पास है. क्या उन के उत्तर आप के पास है? क्या दे पायेंगे? क्या आरोप करने वाले डोक्टर समूह अपनी ही एसी सैकड़ो किताबों को / बुक को ज्योतिषशास्त्र की बुक मानेंगे? वह क्या भूल गये आज जिसे साइटीफिक-सायकोलोजी बोलते है उसे 100 वर्ष पहले आत्मा और मन का शास्त्र माना जाता था. क्या विज्ञान की किस डेफिनेशन में लिखा है मन और आत्मा के बारे में ?
याद रखो ....सायन्स कभी भी संभावनाओं को नकारता नहीं , उल्टा उसे तलाशता है / ढूढ़ता है. प्रयोग करता है. वह प्रगतिशील होता है, परिवर्तनशील /चेजेबल होता है.
लास्ट में और जिन्होंने डिग्री लेते वक्त (मजबूरी में संशोधन ) छोड़ कर कोई रिसर्च ( हजारो लोगों के जानकारी पर ) नहीं किया हो उन लोगों के विरोध को कितना महत्व देना है है आप ही सोचे.
दुनिया का हर दक्ष पेरेंट, वह हर प्रकार की टेस्ट करना चाहता है जो अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के बारे में सही मार्ग चुनने के लिए मार्गदर्शक हो. उस के लिए हमारी टेस्ट हो या दूसरी कोई भी , उस के लिए सब एक समान है. और वह देखता है कौन सी टेस्ट बच्चे का सही मूल्यांकन करती हो. अपने अनुभव से और बच्चे के भूतकालीन उपलब्धी से चेक करता है .यही सब से बड़ा व्यवहारिक मार्ग है . क्यों की आप के बच्चे को आप के सिवाय कोई नही समझ सकता (यदि आप ज्ञानी हो )
इस प्रकार का प्रश्न हमें दूसरे कम्पनियों फ्रंचेयसी होल्डर द्वारा एक साल में बार बार पूछा गया है .... जो परबुद्धि / अंधभक्ति के कारण सिर्फ सेल्समन की बात देखकर/ सुनकर वेरिफिकेशन किए बिना जिन्होंने लाखो रुपयें के सॉफ्टवेयरों को खरीदा है, वहीं यह सवाल पूछते है.
सच बात यह है की वह हमारा नही, आप अपनी कंपनी का स्टैण्डर्ड चेक करना चाहते है.
1 ) कई कम्पनिया भारत सरकार के किसी एजुकेशनल डिपार्टमेंट का सर्टिफिकेट दिखाते है. उन के दिखाने से वह सत्य नहीं हो जाता ....... Gov. वेबसाईट पर Google सर्च द्वारा वेरिफिकेशन करो. पता लगाओ ... बाद में हमारी उन से तुलना करो .
2 ) कोई दूसरे देश में पेटेंट की बात करता है. हम इतना ही कहेंगे तो भारत में किस को DMIT का पेटेंट किसी को मिला नहीं है .( किसी भी दुसरे देश में मिले पेटेंट की वैल्यू भारत के कानून के अनुसार जीरो- कुछ भी नहीं.) फिर आप प्रभावित हो , तो उन का पेटंट नंबर और Year क्या है. वह स्पेसिफिक किस लिए लिया है, बता सकते हो ? ( जैसे की हल्दी के एक गुण या विशेषता के बारे में पेटंट लेना एस का यह मतलब यह नहीं की आप ने पूरा हल्दी का पेटंट लिया )
यदि हाँ भी तो भी सर्च करते हुए वेरिफिकेशन करो. स्वयंप्रकाशीत बनो ,.......कृपया बाद में हमारी उन से तुलना करने की कोशिश करो.
हमारी कम्पनी आप ने बताए हुए यह दो बड़े-बड़े अथवा झूटे खोखले दावे कभी नहीं करती. यदि कोई दावा भविष्य में करेगी , तो वेरिफिकेशन करने के सोर्स भी देगी .
यह प्रश्न आप इसीलिए पूछ रहे हो, क्योंकि आप ने हमारे वेबसाईट पर क्वालिटी रिपोर्ट के बारे में से पेज पढ़ा नहीं. फिर से पढो .उत्तर मिलेगा ,वहाँ तरीके दिए गये है.उन का अनुसरण करो .
यदि आप को यह पसंत नहीं है, आसान मार्ग है, तो हमारा रिपोर्ट खरीदकर उस की तुलना दूसरों के खरीदे हुए रिपोर्ट से करो. आज तक आप ने सैंपल रिपोर्ट देखे, उन की तुलना की है, लेकिन तुलना उसी को कहते है जब एक आदमी के दो रिपोर्ट हो , आप रिपोर्ट पर इतना खर्चा कर रहें है, अथवा यही बिजनेस कर रहे है लेकीन क्या अपने प्रोडक्ट की क़्वालिटी को मार्केट के दूसरे प्रोडक्ट के साथ तुलना करके देखा? जब आप करेंगे, तब आप अपने अनुभव से रैंकिग दे सकते है.उन के साथ बिजनेस कर सकते है.आप के Thought प्रोसेस को आप के सिवाय कोई नही जान सकता.
सारे DMIT कम्पनियों के सैंपल रिपोर्ट एक जैसे दिखना और उन के कैलकुलेशन में फर्क होना है, अलग अलग है.
(विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )
Yours,
Super Brain International
www.superbeaininternational.com
WhatsApp - 7990537029
मालिक होने का हक मिलने के बाद 50 % लोग पायरेसी बिजनेस करने में लगते है .स्वयम ही अपने नाम से सॉफ्टवेर की कोपी बनाकर दूसरों को बेचने लगते है. मालकी हक का पॉवर लेकर, कस्टमर को मनमाने तरीके से लुटने का हेतु रखनेवाले लोगों को, दूर रखने के लिए, हम ने तरीका अपनाया है .
हमारे संशोधन को शुद्ध रखने और अपडेटेड को बनाने की लिए हम यह सर्विस चार्ज का रास्ता अपनाते है . पैसे के साथ क्वालिटी बिजनेस करनेवाले, लालच को कंट्रोल में रखनेवाले, प्रामाणिक लोग ही हमारे साथ जुड़ते है .
*यह उत्तर कोई कस्टमर भी पढ़ता होगा तो , वह हमारी वफादारी , पारदर्शकता को समझे और यह हमारी नहीं तो उस की कम्पनी समझे और आगे के ४०-50 सालों तक अपने परिवार में आनेवाले सभी बच्चों का रिपोर्ट हम से ही निकाले. यह हमारा ध्येय और उद्देश्य है .
फर्क फार्मसी कंपनी, मेडिकल शॉप और पेथेलोजी लेब इन तीनों के काम में होता है . फ्रंचेयसी बिजनेस पेथेलोजी लेब जैसा है, पेथोलोजी लेब में केमिकल और मशीन लगती है. कोई महा बुद्धिमान कहता है , उस के लिए मै दुसरे को पैसे क्यों दूँ , सभी फेक्टरियाँ मै ही खोलूँगा कहता है तो वह बिजनेस में जिन्दगी भर सफल नहीं होगा .
Que 12)आप मुझे DMIT रिपोर्ट जनरेट करने देंगे ? मैं 5-10 लाख रूपये तक खर्चा कर सकता हूँ .उस में आप का नाम नहीं होना चाहिए. मेरे नाम( ब्रांड नेम ) से बेचूंगा. मेरे मन के मर्जी से मै ज्यादा रेट लगाकर ( हो सकता है दुगुना ) कमा सकता हूँ ?
Ans.:- एक वक्त एक ही बात हो सकती है, आप कन्फुज न हो , आप हमारे वेबसाईट पर इसीलिए आए हो की आप जीरो इन्वेस्टमेंट में , फ्री ब्राण्ड नेम, फ्री ऑफ़ कॉस्ट फ्रैंचाइसी में बिजनेस करने में इंटरेस्ट है. लेकिन आप जो प्रश्न पूछ रहे हो वह, हमारे इस बिजनेस मॉडल/ पैटर्न से बिलकुल विपरीत है, इसीलिए आप चाहते हो यह होना बहुत मुश्किल है. सर !(Note :- फिर भी यदि, आप इतने बड़े सपने देखनेवाले ‘बड़े इन्वेस्टर’ हो,..... तो आप एक साथ 1000 रिपोर्ट खरीदने का हमारे साथ कॉन्ट्रैक्ट करो और खरीद लो. सब से पहले एक एप्लीकेशन रूपये 25,000 रजिस्टरेशन फ़ीज के साथ भेज दो. बाद में इस विषयपर जरुर बात करेंगे, सर !)
Que 13)A)DMIT फ्रैंचाइसी प्रश्न :-पूरा 100% प्रॉफिट सिर्फ मुझे ही चाहिए , आप को एक रुपया सर्विस चार्ज नहीं दूंगा .मै लाखो रूपये खर्चा करूंगा ,स्पीड से मेरे पैसे डबल होने चाहिए, लेकिन बताइए में क्या करूं ?B) मै आप का प्रोडक्ट बेचूं , मार्केटिंग करूं और आप को इतने पैसे क्यों दूँ ?
Ans.:-प्रश्न B से लगता है आप मार्केटिग फिल्ड में काम करने वाले व्यक्ति हो, आप भूल गये हो यहाँ प्रोडक्ट का सिर्फ मार्केटिग करना नहीं, उस प्रोडक्ट का क्वालिटी प्रोडक्शन भी करना है ,महोदय!
प्रश्न A से लगता है की आप चेन सिस्टम में 3 माह में बिना मेहनत पैसा डबल “ जैसे स्कीम से प्रभावित हो
याद रखो हमारा बिजनेस मेहनत पर आधारित है ( सर्विस चार्ज का बिजनेस है.) जितना क्वालिटी काम आएगा, काम करोगे उतने पैसे मिलेंगे.
इसे समझाने के लिए मै एक उदाहरण देना चाहूँगा , मानो एक डॉक्टर ज्यादा कमाई के लालच में छोटे से दवाखाने के बाजू में मेडिकल शॉप खोलता है, दूसरी तरफ पेथेलोजी लेब खोलता है ,तीनो बिजनेस स्वयम करना चाहता है, ..........लेकिन पेथेलोजी लेब में खून की जाँच का कोर्स करने के लिए अलग क्वालिटी और कोर्स करना पड़ता है , मेडिकल स्टोर चलानेवाले के लिए अलग क्वालिटी और कोर्स लगता है. ........एक डॉक्टर वह अलग दो काम कर सकता है लेकिन उन एक्सपर्ट जैसी क्वालिटी नहीं दे पाएगा. के समय नहीं दे पाएगा...... उसे उस फिल्ड के वर्कर रखने पड़ेंगे उन्हें सैलरी देनी पड़ेगी, तो हाथ में प्रॉफिट कितना रहेगा ? अरे!.....वह तो डोक्टर है कम से कम उसे उस फिल्ड का नोलेज है , कुछ न कुछ जुगाड़ हर सकता है
लेकिन आप के बारे में पहला पॉइंट यह है कि आप सिर्फ पैसे के बलबूते पर बिजनेस करना चाहते है , आप को DMIT फिल्ड का कुछ भी एक्सपर्ट जैसा नोलेज नहीं है, अथवा चाइल्ड सायकोलोजी से रिलेटेड स्कूल , ट्यूशन, क्लासेस जैसे टीचिंग प्रोफेशन में कम से कम 10 साल काम भी नहीं किया है , तो आप एक एक्सपर्ट जैसे ‘अकेले’ काम कैसे कर पाओगे ? आप को प्रॉफिट कहाँ से होगा?, ....... दूसरा पॉइंट यह है कि तो आप ने MBA जैसा कोर्स किया है तो मै मानूंगा,आप आराम से बिजनेस कर पाएंगे . लेकिन आप को तो हर काम के लिए ऑफिस स्टाफ रखना पड़ेगा, मार्केट का सामन्य नियम है “यदि कोई आदमी 15 % सर्विस चार्ज ( मेहनत की मजदूरी ) देने के लिए , इतना सोचता है, वह जिन्दगी में ऑफिस में सेलरी देकर स्टाफ नही रख पाएगा, (Ref – मार्केट सायकोलोजी ) क्योंकि आप का बिजनेस चले या ना चले, आप को स्टाफ की सेलरी तो देनी ही पड़ेगी, उस का मूल्य कभी कभी वह हमारे मंथली कुल सर्विस चार्ज से दुगुना, कभी कभी पांच गुना ज्यादा हो सकता है . आप की भलाई इसी में है कि आप हमारे टीम की मदद लेकर काम करें, ज्ञान ले, एक्सपर्ट बनें और बहुत कमाए , किस ने आप को रोका है ? माननीय महोदय !
तो आप के प्रश्न का उत्तर आता है-“ बिलकुल नहीं”
Que.14) सभी DMIT कंपनियों पर स्कूलों को कमिशन देने के और प्रॉफिट कमाने के आरोप लगाये जा रहें है ?
Ans.:-1)पहली बात है, कि हमारे उपर (SBID) किसी ने आरोप लगाया नहीं है.
जिन डॉक्टरों के समूह (मनोवैज्ञानिकों ) ने आरोप लगाया है अथवा पिछले 10 सालों से लगाते आए है, वह सभी आरोप उनपर लगे है.
जो 5-10 साल से इस फिल्ड में काम कर रहें है, जो बड़ी स्कूल को कमिशन देकर जबरदस्ती से हर बच्चे का रिपोर्ट निकालवा लेते है, अभी अभिभावकों ने वह सभी आरोप उनपर लगाए लगे है.
जो कम्पनियां 3000 से 10000 तक रिपोर्ट बेचते है, कीमत के सम्बन्धित सभी आरोप उनपर लगे है, ...........हम तो वही क्वालिटी का रिपोर्ट सिर्फ Rs 999 में देते है, लूटना छोड़ो ,उल्टा हम उनकी मदद करते है .
अथवा जो 10 वीं और 12 वीं. पास सेण्टर होल्डर /फ्रैंचाइज़ी होल्डर काउन्सलिंग करता है. और करोड़ो रूपये कमाता है. काउंसिलिंग सम्बन्धित सभी आरोप उनपर लगे है.
हमें व्यावसायिक तौर पर एक साल हुआ है. फिर भी हम मार्केट क्वालिटी का रिपोर्ट, मार्केट रेट से 75 % off में, सिर्फ Rs. 999 में बेचते आये है. आगे भी बेचेंगे.
भारत की हमारी अकेली कंपनी है जो रिपोर्ट पर उस का रेट लिखती है. तो दूसरी तरफ फ्रंचेयसी होल्डर को कम रेट में रिपोर्ट बेच सके, इस लिए अपने जेब से सब्सिडी देते है. हम फ्रोफिट कमाते ही नहीं, तो स्कूलों को कमिशन कहाँ देंगे? जो कमाता है वह फ्रंचेयसी होल्डर.
Que.15) कई लोगों का आरोप होता है, कि DMIT टेस्ट कराने वालों को मनोवैज्ञानिक काउन्सलिंग का अधिकार नहीं है ?
Ans.:-हम तो इस बात से पूरी तरह से सहमत है, आरोप करने वालों के साथ है .
आज DMIT के क्षेत्र में ऐसी कम्पनियां है,
जहाँ कंप्यूटर इंजीनियर ने बिना रिसर्च के सॉफ्टवेयर बनाकर बेचे है, पाइरेसी कंपनियां है, जिन का कोई रिसर्च नहीं है, उन का यह प्रॉब्लम है.
जिनके पास एजुकेशन फील्ड की कोई डिग्री नही या 15-20 वर्षों का अनुभव नही फिर भी काउन्सलिंग करते है , यह उनका प्रॉब्लम है.
3000 से 10000 रुपये लेकर कस्टमर को लूटते है. इस चीज का हम पहले से विरोध करते आए है. हम (SBID) बाकी सारे DMIT कम्पनियों से अलग है. हम तो 999 इतने कम कीमत पर बिजनेस करते है.
DMIT यह क्षेत्र एजुकेशन से रिलेटेड है. लेकिन उस में अनेको मुख्य चार प्रकार के काम होते है 1) मार्केटिंग 2) कंप्यूटर रिलेटेड वर्क (3 टाइप ) 3) कौन्सिलिग ४) रिसर्च टीम (रिपोर्ट जनरेट करना ) ,
DMIT टेस्ट का सेंटर चलानेवाले को मार्केटिग का अथवा कंप्यूटर का तकनीकी का पूरा 100 % नोलेज हो सकता है. लेकिन वह… कम पढ़ा लिखा अथवा अलग एजुकेशनल क्वालिफिकेशन धारक हो सकता है. दूसरी तरफ काउंसिलिंग के लिए काबिल होगा, इस की गेरेंटी नहीं इसीलिए हम मानते है “चाइल्ड सायकोलोजी अनुभवी टीचर के सिवाय कोई अच्छी तरह से समझ नहीं सकता.” हम ने शुरुवात से इस बात का साथ दिया है.
हमारी कम्पनी में सिर्फ..... एजुकेशन फिल्ड का +15 साल का अनुभव और उस से रिलेटेड डिग्रियां हो ऐसा आदमी ही काउन्सलिंग कर सकता है, बाकी लोगों की क्वालिफिकेशन हम चेक करते है , हम टेस्ट लेते है. हमारे हर काउंसिलिंग का रिकोर्डिंग का नियम है, उस का हम री चेकिग करते है. हम सभी सायन्स के नियमों का अनुसरण करते है. तो अब आप को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
Que.16)
कई लोग DMIT टेस्ट पर यह आरोप लगाते है कि यह अनसाइटीफिक टेस्ट है?
Ans.:-1)पहली बात है कि हमारे उपर (SBID ) किसी ने आरोप लगाया नहीं है.
फिर भी जो कस्टमर शंकाग्रस्त होकर, हमें उन कम्पनियों जैसा समझ कर, सवाल पूछते है. सिर्फ उन की तसल्ली के लिए, कुछ साइटीफिक तथ्य रख रहें है ....
सायन्स में एसा हजारो बार हुआ है, जो सिर्फ कल्पना मानी जाती थी, जिसे अनसाइटीफिक माना गया, बाद में उसे उसी रूप में स्वीकार गया, जैसे की आयुर्वेद का मजाक उड़ाया गया आज भी विदेशी सायन्स भारतीय आयुर्वेद को अनसाइटीफिक मानता है. हम 5000 वर्षों से हल्दी अथवा शहद को जख्म पर लगाने और रोगप्रतिकारक अथवा रोगप्रतिकारक के रुप में इस्तेमाल करते है, लेकिन जब विदेशियों ने अमरीका में जाकर उन का पेटेंट कराया तब वह हल्दी अथवा शहद एक दिन में साइटीफिक हो गये. वही बात करेले से लेकर गोमूत्र तक की है. यह सब प्रॉफिट या मार्केटिंग के लालच का खेल है.
यदि कोई जनरल डाक्टर कोई भी अंदरुनी, अनजान बीमारी हो, तो पेशंट के आँख देखता है, गला देखता है, नब्ज या दिल की धडकने गिनता है, यह क्या है ? उस में 50 % टेस्ट डरमिटोग्लायफिक्स (बॉडी एंड स्किन टेस्ट ) का बड़ा और सामान्य रूप है. ( दूसरी तरफ DMIT में भी जो टेस्ट का आधार है उसे भी डरमिटोग्लायफिक्स ) कहते है. तो दोनों तरफ एक ही काम चलता है. तो सिर्फ DMIT टेस्ट कैसे गलत हुई ? और डोक्टर डरमिटोग्लायफिक्स टेस्ट के आधारपर, आप को 5-6 दवाई लिखकर देता है, वह क्या हर पेशंट से फिजिकल टेस्ट ( ब्लड, यूरिन, कार्डियोग्राम ....) करवाता है ? फिर भी आप उस के पास जाते हो ना? डोक्टर साइंटीफिक एक्सपर्ट कहते हो. वह कुछ बताता नही, उल्टा आप को सिर्फ बीमारी के लक्षण पूछता है. आप जो बताते है, उसी के आधार पर सिर्फ अंदाज से दवाई लिखकर देता है. फिर भी आप उसे साइंटीफिक टेस्ट कहते है. हम इस निरिक्षण और संभावना की चिकित्सा का विरोध नही करते है . लेकिन यही निरिक्षण और संभावना यह DMIT के बारे में गलत बोलना सरासर गलत है .
याद रखो ....”सायन्स कभी भी संभावनाओं को नकारता नहीं, विरोध नहीं करता उल्टा उसे तलाशता है / ढूढ़ता है. उस पर प्रयोग करता है. वह प्रगतिशील होता है, परिवर्तनशील /चेजेबल होता है”.
DMIT टेस्ट यह अन-साइटीफिक होने के आरोपों से, हमारा कोई सम्बन्ध नहीं है. हमारा रिसर्च और फार्मूला (कैलकुलेशन्स ) बाकी के DMIT कम्पनियों के रिसर्च से संपूर्णता अलग है. तथापि एक ही फिल्ड का होने के कारण प्रेजेंटेशन में साम्य हो सकता है, लेकिन निष्कर्ष के शार्पनेस में फर्क है.
हम अपने बारे में इतना कहना चाहेंगे कि हमारा SBID DMIT यह एक रिपोर्ट नहीं है, 33 रिपोर्ट का समूह है. उन में से हर पर दुनियां के किसी न किसी सरकारी अथवा प्रायवेट मेडिकल कोलेज के प्रोफेसरों नें रिसर्च की है. तो अदि आप हमारे उपर आरोप करने से पहले उन सैकड़ो साइटीफिक मार्ग पर चलने वालों को गलत साबित करना पड़ेगा. उदाहरणार्थ हम हमारे रिपोर्ट में ATD एंगल्स का रिपोर्ट देते है. उस विषय पर के उपर विदेशों का छोड़ दो हमारे देश के पुणे के gov मेडिकल कोलेज के प्रोफेसरों ने रिसर्च किया है. वह सारे अनसाइटीफिक और फ्रोड़ नहीं है. आरोप लगाने वालों से बड़े साइटीफिक है
हम क्वालिटी रिपोर्ट देते है. हमारी कम्पनी में सिर्फ एजुकेशन फिल्ड का +15 साल का अनुभव और उस से रिलेटेड डिग्रियां हो ऐसा आदमी ही काउन्सलिंग कर सकता है, हम सभी सायन्स के नियमों का अनुसरण करते है.
जो लोग “ साइटीफिक-सायकोलोजी” का उपयोग करते हुए आरोप लगाते है, उन लोगों का आरोप है कि डरमिटोग्लायोफिक्स और शरीर के किसी हिस्से का सम्बन्ध, अपने विचार और बुद्धि से अथवा दिमाग के लोब अथवा न्यूरोंस से नहीं है. इसी लिए आप उन के पास ही काउंसिलिंग के लिए जाए .
क्या उन्होंने अपनी किसी भी साइटीफिक डरमिटोग्लायोफिक्स टेस्ट का तुलना किसी DMIT रिपोर्ट से की है ? और (चुपके से नहीं...). आमने सामने बैठकर “समान साइटीफिक नियमों” के आधारपर सेम प्रकार की टेस्ट से, प्रैक्टिकली साबित करते हुए दिखाया है ? नही ना ? तो हम या आप जो साइंटिफिक तरीके अपनाते ही नहीं उन लोगों के आरोपों पर पर भरोसा कैसे रख सकते है ?.
आरोप लगाने वाले डोक्टर लोग कहेंगे हमारे मनोविज्ञान डरमिटोग्लायोफिक्स अथवा शरीर के पार्ट आते ही नहीं.उन लोगों को मै यह नहीं कहूँगा आप स्वयम ही लिखी हुई बात से अनजान है अथवा अपने सब्जेक्ट की कम जानकारी रखते है . हम सिर्फ उन्हें पढे लिखे डोक्टर (मनोवैज्ञानिक) की लिखी किताबों का स्क्रीन शॉट देना चाहते है . (आप इटरनेट पर सर्च करेंगे तो आप को एसे हजारो उदाहरण मिलेंगे.) क्या आरोप करनेवाले स्वयम अपने आप को अनसाइटीफिक मानने के लिए तैयार है? यह स्क्रीन शॉट में जानबूझ कर हम ने लेखक का नाम छुपाया है क्योंकि वह अकेला टारगेट न बनें. और आरोप करने वाले छुट जाए. (वह तो सिर्फ एक उदाहरण के रूप में दिया है) जिन्होंने ऐसी किताबे लिखी है उनकी किताबे स्टूडेंट को पढ़ने के पाठ्यक्रम में शामिल है .
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इस इमेज में आप देख रहें है, यह जिसे सायन्स मान रहे है. उन की साइटीफिक किताबों /बुक में वें यह लिख रहे कि आदमी का शरीर का आकार जाडा हो, पतला हो, लम्बा हो, गठीली मांसपेशी हो , मजबूत हड्डियाँ हो,.. तो वह आदमी किस- किस प्रकार की सोच रखता है यह बताया है जो इमेज में अंडर लाइन किया है उसे बाजू के वाक्यों के साथ पढो ........
यदि डोक्टर (मनोवैज्ञानिक) लोगों ने लिखी हुई किताब में बताई गई बाते.... ”शरीर के बड़े मसल्स के आधार पर हम आदमी की सोच का वर्गीकरण कर सकते है” .....यह विचार यदि साइटीफिक है, तो फिंगरप्रिंट DMIT का उस से भी सूक्ष्म संशोधन अन-साइटीफिक कैसे हो सकता है ?
इस किताब की बात इमेज पर सोचेंगे , मान लीजिए, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी, महात्मा गांधीजी, इंदिरा गांधीजी अमिताभ बच्चन के हम शक्ल भारत में है, वह डुप्लीकेट हूबहू उन के जैसे दिखते है, लेकिन क्या डुप्लीकेट, उन ओरिजनल बड़े लोगों जैसे समान बौद्धिक क्षमता वाले है ? बिलकुल नहीं. तो इन आरोप करने वालों की अपने सब्जेक्ट की बुनियाद ही खतरेमे पड जाती है.
यह सबूत के साथ पढकर आप (पाठक ) कहेंगे “इस से सिद्ध होता है, आज नये विचारों को परख कर विरोध करने की काबिलियत कम होती जा रही है, इस प्रकार की संकुचित सोच रखना ही अनसाइटीफिक है.”.......
लेकिन हम ऐसा नहीं मानते . हम मानते है कि “सिर्फ 10 % भी जेन्यूअन रिजर्ट आता है, तो आरोप करने वाले की की मनोविज्ञान पर लिखी किताबों /बुक साइटीफिक है.”
ऐसे अनेकों किताबों / बुक के अलग अलग उदाहरण (स्क्रीन शॉट ) हमारे पास है. क्या उन के उत्तर आप के पास है? क्या दे पायेंगे? क्या आरोप करने वाले डोक्टर समूह अपनी ही एसी सैकड़ो किताबों को / बुक को ज्योतिषशास्त्र की बुक मानेंगे? वह क्या भूल गये आज जिसे साइटीफिक-सायकोलोजी बोलते है उसे 100 वर्ष पहले आत्मा और मन का शास्त्र माना जाता था. क्या विज्ञान की किस डेफिनेशन में लिखा है मन और आत्मा के बारे में ?
याद रखो ....सायन्स कभी भी संभावनाओं को नकारता नहीं , उल्टा उसे तलाशता है / ढूढ़ता है. प्रयोग करता है. वह प्रगतिशील होता है, परिवर्तनशील /चेजेबल होता है.
लास्ट में और जिन्होंने डिग्री लेते वक्त (मजबूरी में संशोधन ) छोड़ कर कोई रिसर्च ( हजारो लोगों के जानकारी पर ) नहीं किया हो उन लोगों के विरोध को कितना महत्व देना है है आप ही सोचे.
दुनिया का हर दक्ष पेरेंट, वह हर प्रकार की टेस्ट करना चाहता है जो अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के बारे में सही मार्ग चुनने के लिए मार्गदर्शक हो. उस के लिए हमारी टेस्ट हो या दूसरी कोई भी , उस के लिए सब एक समान है. और वह देखता है कौन सी टेस्ट बच्चे का सही मूल्यांकन करती हो. अपने अनुभव से और बच्चे के भूतकालीन उपलब्धी से चेक करता है .यही सब से बड़ा व्यवहारिक मार्ग है . क्यों की आप के बच्चे को आप के सिवाय कोई नही समझ सकता (यदि आप ज्ञानी हो )
Que. 17)DMIT क्षेत्र में काम करनेवाली कई कम्पनियां कहती है की हमारे पास .....देश का पेटंट है अथवा इस कम्पनी को भारत सरकार के इस डिपार्टमेंट का सर्टिफिकेट है ,आप इन दोनों में से कौनसा सर्टिफिकेशन है ?
Ans.:-इस प्रकार का प्रश्न हमें दूसरे कम्पनियों फ्रंचेयसी होल्डर द्वारा एक साल में बार बार पूछा गया है .... जो परबुद्धि / अंधभक्ति के कारण सिर्फ सेल्समन की बात देखकर/ सुनकर वेरिफिकेशन किए बिना जिन्होंने लाखो रुपयें के सॉफ्टवेयरों को खरीदा है, वहीं यह सवाल पूछते है.
सच बात यह है की वह हमारा नही, आप अपनी कंपनी का स्टैण्डर्ड चेक करना चाहते है.
1 ) कई कम्पनिया भारत सरकार के किसी एजुकेशनल डिपार्टमेंट का सर्टिफिकेट दिखाते है. उन के दिखाने से वह सत्य नहीं हो जाता ....... Gov. वेबसाईट पर Google सर्च द्वारा वेरिफिकेशन करो. पता लगाओ ... बाद में हमारी उन से तुलना करो .
2 ) कोई दूसरे देश में पेटेंट की बात करता है. हम इतना ही कहेंगे तो भारत में किस को DMIT का पेटेंट किसी को मिला नहीं है .( किसी भी दुसरे देश में मिले पेटेंट की वैल्यू भारत के कानून के अनुसार जीरो- कुछ भी नहीं.) फिर आप प्रभावित हो , तो उन का पेटंट नंबर और Year क्या है. वह स्पेसिफिक किस लिए लिया है, बता सकते हो ? ( जैसे की हल्दी के एक गुण या विशेषता के बारे में पेटंट लेना एस का यह मतलब यह नहीं की आप ने पूरा हल्दी का पेटंट लिया )
यदि हाँ भी तो भी सर्च करते हुए वेरिफिकेशन करो. स्वयंप्रकाशीत बनो ,.......कृपया बाद में हमारी उन से तुलना करने की कोशिश करो.
हमारी कम्पनी आप ने बताए हुए यह दो बड़े-बड़े अथवा झूटे खोखले दावे कभी नहीं करती. यदि कोई दावा भविष्य में करेगी , तो वेरिफिकेशन करने के सोर्स भी देगी .
Que.18)सभी DMIT कंपनी हमें एक जैसी लगती है, हम कैसे समझे आप क्वालिटी रिपोर्ट देते है ?
Ans.:-यह प्रश्न आप इसीलिए पूछ रहे हो, क्योंकि आप ने हमारे वेबसाईट पर क्वालिटी रिपोर्ट के बारे में से पेज पढ़ा नहीं. फिर से पढो .उत्तर मिलेगा ,वहाँ तरीके दिए गये है.उन का अनुसरण करो .
यदि आप को यह पसंत नहीं है, आसान मार्ग है, तो हमारा रिपोर्ट खरीदकर उस की तुलना दूसरों के खरीदे हुए रिपोर्ट से करो. आज तक आप ने सैंपल रिपोर्ट देखे, उन की तुलना की है, लेकिन तुलना उसी को कहते है जब एक आदमी के दो रिपोर्ट हो , आप रिपोर्ट पर इतना खर्चा कर रहें है, अथवा यही बिजनेस कर रहे है लेकीन क्या अपने प्रोडक्ट की क़्वालिटी को मार्केट के दूसरे प्रोडक्ट के साथ तुलना करके देखा? जब आप करेंगे, तब आप अपने अनुभव से रैंकिग दे सकते है.उन के साथ बिजनेस कर सकते है.आप के Thought प्रोसेस को आप के सिवाय कोई नही जान सकता.
सारे DMIT कम्पनियों के सैंपल रिपोर्ट एक जैसे दिखना और उन के कैलकुलेशन में फर्क होना है, अलग अलग है.
(विशेष जानकारी -हम किसी की फिंगरप्रिंट या स्वीकारते नहीं. )
Yours,
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